आपको पाकर अब खोना नही चाहते
इतना खुश होकर अब रोना नही चाहते
यह आलम है हमारा आपकी जुदाई से
आँखों में नींद है मगर सोना नही चाहते
वह जिंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही,
वह मोहब्बत ही क्या जिसमे यादें नही,
वह यादें ही क्या जिसमे तुम नही,
और वह तुम ही क्या जिसके साथ हम नही
न ख्वाबों में देखा, न नज़रों में देखा,
हजारों में एक हमने तुम ही को देखा,
गम देने वाले तो हर पल है यहाँ,
हर पल खुशी देने वालों में एक तुम ही को देखा
मिटटी की अनोखी मूरत हो तुम,
जिंदगी की एक ज़रूरत हो तुम,
फूल तो खुबसूरत होते है,
फूलो से भी खुबसूरत हो तुम
7 comments:
Sujeet ji ,
bahut achchhee lagee apkee kavita...aise hee age bhee likhte rahiye.shubhkamnayen.
HemantKumar
मिटटी की अनोखी मूरत हो तुम,
जिंदगी की एक ज़रूरत हो तुम,
फूल तो खुबसूरत होते है,
फूलो से भी खुबसूरत हो तुम
आम तौर पर लोग ब्लॉग पर केवल अच्छा ,बहुत अच्छा,सुन्दर,बधाई लिख कर खुश करते हैं ,ब्लॉग पर सुझाव देना नाराजगी मोल लेना होता है।
पर क्या करूं आदत से मजबूर लीजिये संभालिये एक सलाह
आप की रचना कहती है कि आपका हृद्य काव्यानुकूल है याने आप मे गज़लियत है-अगर गज़ल छंद सीख लेंगे तो और बेहतर होगा। बाकी आपकी मर्जी।हां ब्लॉगिंग पर स्वागत तो है ही वरना क्यों लिखता यह टिपण्णी।
अभिनव प्रथम कदम पर बधाई
अगर कविता या गज़ल में रुचि हो तो मेरे ब्लॉग पर आएं
http://gazalkbahane.blogspot.com/
http:/katha-kavita.blogspot.com
हां word verification हटाएंगे ज्यादा टिपण्णियां पाएंगे
श्याम सखा ‘श्याम’
फूल तो खुबसूरत होते है,
फूलो से भी खुबसूरत हो तुम wah ! WAH !!!!
sundar bhav, narayan narayan
welcome i hindi blog world
शुभकामनायें...स्वागत है.
Bohot pyaree rachna hai ! Saral shabd....!
Anek shubhkamnayen !
gar word verification hata den to ?
Ek binati maatr hai, aap bura to nahe manenge?
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