Tuesday, November 4, 2008

शेरो शायरी

मुझे दर्द ऐ इश्क का मज़ा मालूम है, दर्द ऐ दिल की इन्तहा मालूम है, जिंदगी भर मुस्कुराने की दुआ ना देना, मुझे पल भर मुस्कुराने की सज़ा मालूम है...
आज कुछ कमी है तेरे बगैर, न रंग है न रौशनी है तेरे बगैर, वक्त अपनी रफ्तार से चल रहा है, बस धड़कन थमी है तेरे बगैर..
मोहबत के बिना जिंदगी फिजूल है पर मोहब्बत के भी आपने उसूल है कहते है मिलती है मोहब्बत में बहुत उलफते पर आप हो महबूब तो सब कुबूल है...
मत कर मेरे दोस्त हसीनो से मोहब्बत वो आँखों से वार करती हैं मैंने इन्ही आँखों से देखा है कि वो कितनो से प्यार करती हैं उनकी मोहब्बत के अभी निशान बाकी है, नाम लब पर है और जान बाकी है .क्या हुआ अगर देख कर मुह फेर लेते है, तसल्ली है कि शकल की पहचान बाकी है ...
नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली, रहे दोनों खामोश पर बात करली...मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया, इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली...
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है, 1 पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है, पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम, जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है मोहब्बत में लाखों ज़ख्म खाए हमने, अफ़सोस उन्हें हम पर ऐतबार नही, मत पूछो क्या गुजरती है दिल पर, जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नही..

1 comment:

Unknown said...

Very Good, Keep it up..