1) मोहब्बत का मतलब इंतज़ार नही होता, हर किसी को देखना प्यार नही होता, यु तो मिलता है रोज़ मोहब्बत-ऐ-पैगाम, प्यार है जिंदगी जो हर बार नही होता...
2) खामोश रात की पहलु में सितारे ना होते, इन रूखी आंखों में रंगीन नज़ारे ना होते, हम भी न करते परवाह अगर आप इतने प्यारे न होते...
3) एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है, इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है उसे पाना नही मेरी तकदीर में शायद, फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है...
4) उस अजनबी का यूँ न इंतज़ार करो इस आशिक दिल का न ऐतबार करो रोज़ निकला करें किसी की याद में आंसू इतना कभी न किसी से प्यार करो 5) हर आहट एहसास हमारा दिलाएगी, हर हवा खुशबु हमारी लाएगी, हम दोस्ती ऐसी निभाएंगे यारा! कि हम न होंगे और हमारी याद तुम्हे सताएगी!!!
6) तम्मना-ऐ-इश्क तो हम भी रखते हैं, किसी के दिल में हम भी धड़कते हैं, ऐ जाने वो कब मिलेंगे जिन के लिए हम रोज़ तड़पते हैं.
7) आंसू को बहुत समझाया तन्हाई में आया करो, महफिल में हमारा मजाक न उड़ाया करो, इस पर आंसू तड़प कर बोला, इतने लोगो में आपको तनहा पाते है, इसलिए चले आते है!
8) दिल कि आवाज़ को इज़हार कहते है, झुकी निगाह को इकरार कहते है सिर्फ़ पाने का नाम इश्क नही. कुछ खोने को भी प्यार कहते है.
9) मैं लफ्जों से कुछ भी इज़हार नही करता, इसका मतलब ये नहीं कि मैं तुझे प्यार नही करता चाहता हूँ तुम्हे आज भी पर तेरी सोच में अपना वक्त बेकार नही करता, तमाशा न बन जाए कहीं मोहब्बत में मेरा इसलिए अपने दर्द को बयां नही करता
10) जो कुछ भी मिला है उसी में खुश हु में तेरे लिए खुदा से तकरार नही करता, पर कुछ तो बात है तेरी फितरत में जालिम वरना तुझे चाहने कि खता बार बार नही करता